बहुत दूर..इस दूर देश में...दिल से एक आवाज़ आई..
माँ मुझे तेरी याद आई...
माँ तेरा वो डांट लगाना, डांट लगाकर लाड लड़ना...
जितनी ज्यादा डांट पड़ी...उससे दुगना लाड मिला...
आज उस डांट की कमी खली है...लाड बिना आँख भर आई...
माँ मुझे तेरी याद आई...
कभी गिरा तो मुझे संभाला, कभी रोया तो मुझे हंसाया...
हर पल हर दम साथ रही तू जैसे खुद की परछाई...
माँ मुझे तेरी याद आई...
तेरी ऊँगली पकड़ पकड़ कर...एक एक पग यूँ बढ़ता गया...
इतना आगे ना बढ़ जाऊं...की साथ भी ना हो परछाई...
तेरा साथ कभी ना छूटे, उसमे ही सब राहत पाई...
माँ मुझे तेरी याद आई...
एक तरफ भगवान खड़ा हो...पूछ रहा क्या चाहूँ मैं...
तेरा साया बना रहे बस...यही दुआ लब पर आई...
माँ मुझे तेरी याद आई...
शत शत नमन करता मैं तुझको माँ तेरा मैं अनुयायी...
माँ मुझे तेरी याद आई...
माँ मुझे तेरी याद आई...
माँ तेरा वो डांट लगाना, डांट लगाकर लाड लड़ना...
जितनी ज्यादा डांट पड़ी...उससे दुगना लाड मिला...
आज उस डांट की कमी खली है...लाड बिना आँख भर आई...
माँ मुझे तेरी याद आई...
कभी गिरा तो मुझे संभाला, कभी रोया तो मुझे हंसाया...
हर पल हर दम साथ रही तू जैसे खुद की परछाई...
माँ मुझे तेरी याद आई...
तेरी ऊँगली पकड़ पकड़ कर...एक एक पग यूँ बढ़ता गया...
इतना आगे ना बढ़ जाऊं...की साथ भी ना हो परछाई...
तेरा साथ कभी ना छूटे, उसमे ही सब राहत पाई...
माँ मुझे तेरी याद आई...
एक तरफ भगवान खड़ा हो...पूछ रहा क्या चाहूँ मैं...
तेरा साया बना रहे बस...यही दुआ लब पर आई...
माँ मुझे तेरी याद आई...
शत शत नमन करता मैं तुझको माँ तेरा मैं अनुयायी...
माँ मुझे तेरी याद आई...